चांद को देखा? प्यारा है ना पर कमबख्त वो तो उससे भी ज़्यादा प्यारा है वो बात अलग है कि उसके चले जाने के बाद उसको तकने के बहाने हमने चांद को रोज़ निहारा है चांद था खूबसूरत पहले भी कभी गौर ही नहीं किया क्योंकि जबसे उसे देखा किसी और चीज़ पर ध्यान ही नहीं दिया आज भी उससे ज़्यादा प्यारा नहीं लगता कोई उसके अलावा कोई पसंद आ जाए ऐसी कोई वजह मिली ही नहीं उसको भुला दूं मैं एक पल मैं पर फिर मैं खुद को भी खो दूंगी उसकी यादों के साथ रहना गवारा है पर मैं उसको नहीं भूलूंगी किसी में वो बात ही नहीं जो उसकी जगह ले पाए कोई उसे सामने बैठाल कर तो देखो हम आज भी उसकी आंखों में हस्ते हस्ते डूब जाएं उसको दूर से देख कर ही अब खुद को समझाना पड़ता है मोहब्बत बेहद होते हुए भी नहीं है ये जताना पड़ता है
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