The Diary Out Of Sight

By bilal7867bilal

64 7 4

My father has this frabjous collection of poems which were written by himself in a diary coloured black. He n... More

एक तुच्छ प्रयास

64 7 4
By bilal7867bilal

कलम तूलिका का हो आलिघ्न तो अभिव्यक्ति का राग वही,
है फूल जहा तो खार वही, जहा शाम है त्र्याग वहीँ।
बंद पलकों के पीछे कल्पित नींदों में खो जाता हूँ,
प' जहाँ नींद के झोंके हैं, है सपनो का अनुराग वहीँ।
कलम तूलिका का हो आलिघ्न तो अभिव्यक्ति का राग वही,
किसी कली का आलिघ्न कर जब अलि उड़ जाता है,
अलि तो मकरंद चूसा करता, फूल मगर मुसकाता है,
पतघ्न ले अग्नि के फेरे और बली चढ़ जाता है,
प' जहा प्रीत की अग्नि जलती, है परवाने का भाग वहीँ।
कलम तूलिका का हो आलिघ्न तो अभिव्यक्ति का राग वही,
ईमान का गिरता देख स्तर इंसान मगर डरता रहता
हूँ विहीन तूलिका फिर भी संभव रघ्न मगर भरता रहता
नहीं प्रतिभा फिर भी तुच्छ प्रयास मगर करता रहता
प' जहाँ प्रयास सफल हुआ तो प्रगति का मार्ग वहीँ।
कलम तूलिका का हो आलिघ्न तो अभिव्यक्ति का राग वही।

Continue Reading

You'll Also Like

3.1K 131 25
it's my first time I m making my poems to read by other people.. sorry for any mistake because my poems are in hindi having some Urdu words as I hav...
12 0 1
in this book you will read my some poems with my life and experiences...
23 6 2
This is a poetry hub where I just write poetry on the topics which are made taboo in India And also in romantic poetry in different languages so stay...
2.2K 39 4
मेरी ये तमाम नज़्में किसी की ख़ूबसूरत आँखों के नाम, जिसकी आँखों में ज़िन्दगी भी है और नाउम्मीदी के अँधेरों में उम्मीद की एक किरन भी। ऐसी आँखें जो रास्त...